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कहानी - नारी महान है।
कहानी - नारी महान है। बहुत समय पहले की बात है। चांदनीपुर नामक गांव में एक मोहिनी नाम की छोटी सी लड़की रहा करती थी। उसकी माता एक घर मे नौक...
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बैठी खित्रा यक दिवस वे गेह में थी अकेली। आके आंसू दृग - युगल में थे धरा को भिगोते। आई धीरे , इस सदन में पुष्प - सद्गंध को ले। प्रातः वा...
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बीती विभावरी जाग री। अम्बर पनघट में डुबो रही - तारा - घट ऊषा - नागरी। खग - कुल कुल-कुल सा बोल रहा। किसलय का अं...
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प्रथम बालधी बिसाल बिकराल ज्वाल-जाल मानौं, लंक लीलिबे को काल रसना पसारी है । कैधौं ब्योमबीथिका भरे हैं भूरि धूमक...
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